उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में आज विधानसभा चुनाव के नीतेजे अब से कुछ देर में आने शुरू हो जाएंगे. 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और धीर-धीरे किस राज्य में किस की सरकार बनेगी इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी. इस बीच कई बार वोटों की गिनतियों को लेकर मन में ख्याल आता है कि आखिर कैसे वोटों की गिनती होती है? आइये इस सवाल के उत्तर जानते हैं…
पांच पॉइंट से समझें कैसे होती है वोटों की गिनती?
1- काउंटिंग सेंटर में 14 टेबेल मौजूद रहती हैं इसके साथ ही एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए और एक टेबल ऑब्जर्वर के लिए होती है. वहीं, इस काउंटिंग सेंटर में उम्मीदवार या उनके एजेंट को मौजूद रहने की अनुमति दी जाती है.
2- वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होती है और कई अलग-अलग राउंड्स में की जाती है. सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होती है और करीब आधे घंटे बाद EVM वोटों की गिनती शुरू हो जाती है.
3- सबसे पहले बता दें, EVM के वोटों गिनती अलग-अलग राउंड्स में होती है इसके अनुसार हर राउंड में 14 EVM के वोट गिने जानते हैं. वहीं, प्रति राउंड के बाद एजेंट से फॉर्म 17-C पर हस्ताक्षर कराया जाता है जिसके बाद फॉर्म को RO को दे दिया जाता है.
4- काउंटिंग सेंटर में एक ब्लैकबोर्ड भी मौजूद होती है. इस बोर्ड में हर राउंड के बाद हर प्रत्याशी को कितने वोट मिले उसे लिखा जाता है. जिसके बाद लाउडस्पीकर से इसकी घोषणा की जाती है. बता दें, इसे ही रुझान कहा जाता है.
5- किसी भी काउंटिंग सेंटर में मोबाइल फोन की अनुमति नहीं होती है. इस सेंटर में मीडियाकर्मियों को भी आने की इजाजत नहीं होती है. केवल एक ऑफिशियल कैमरा होता है जो रिकॉर्ड करता है. सेंटर में और किसी दूसरे कैमरे की इजाजत नहीं होती है.